मणिपुर डेढ़ साल से हिंसा की आग में झुलस रहा है. दो आदिवासी समूहों में भूमि और आरक्षण का विवाद जातीय हिंसा का रूप ले लिया. अब तक इस हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं. लेकिन, केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से मामला ठंडा हो गया था. हाल ही में फिर से भड़की हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने केस को एनआईए को सौंप दिया है.
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