आज से 14 साल पहले (26/11/2008) मुंबई में हुए चरमपंथी हमले में लगभग 150 लोगों से ज्यादा लोग मारे गए थे. मुंबई हमला भारत के इतिहास के सबसे भीषण और भयावह आतंकी हमलों में से एक हैं। यह हमला 26 नवंबर 2008 को शुरू हुआ और 29 नवंबर 2008 तक चला। इस हमले में आतंकवादियों ने मुंबई के कई प्रमुख स्थानों को निशाना बनाया और करीब 166 लोगों की जान ले ली, जबकि 280 से अधिक लोग घायल हुए। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
समुद्र के रास्ते घुसपैठ: पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्री रास्ते से भारत आए। वे कराची से नाव द्वारा गुजरात की ओर बढ़े और मुंबई के कोलाबा क्षेत्र में घुसे।
# कहां-कहां हुए हमले:-
ताज होटल: आतंकवादियों ने ताजमहल पैलेस होटल को घंटों तक कब्जे में रखा। इसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ।
ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल: यहां भी आतंकवादियों ने कई लोगों को बंधक बना लिया और गोलीबारी की।
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी): रेलवे स्टेशन पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए।
नरीमन हाउस: यह यहूदी समुदाय का केंद्र था, जिसे आतंकियों ने निशाना बनाया और बंधकों को मारा।
कैफे लियोपोल्ड और अन्य स्थान: इन जगहों पर भी गोलीबारी और बम धमाके हुए।
हमला करने वाले आतंकवादी: हमले को 10 आतंकवादियों ने अंजाम दिया। इनमें से 9 को सुरक्षाबलों ने मार गिराया, जबकि अजमल कसाब नाम का एक आतंकी जीवित पकड़ा गया। कसाब को बाद में फांसी की सजा दी गई। एनएसजी और सुरक्षाबलों की कार्रवाई: भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकियों को रोकने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), पुलिस, और मरीन कमांडो को तैनात किया। तीन दिनों की कड़ी कार्रवाई के बाद सभी आतंकियों को खत्म कर दिया गया और बंधकों को छुड़ाया गया।
मास्टरमाइंड और साजिश: इस हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी। लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर ज़की-उर-रहमान लखवी और हाफिज सईद को इस हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है।
मुंबई हमला भारतीय इतिहास में एक ऐसा अध्याय हैं, जो देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मील का पत्थर साबित हुआ। यह घटना आज भी हर भारतीय के लिए दर्दनाक स्मृति है।