नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी-SCP के चीफ शरद पवार ने 5 नवंबर को राजनीति से संन्यास लेने के संकेत दिए थे। इसके एक दिन बाद यानी बुधवार को उनकी बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि शरद राजनीति से सन्यांस नहीं लेंगे। सुप्रियां ने ‘द हिंदू’ के एक इवेंट में कहा- शरद पवार खाते-सोते और सांस लेते समय भी राजनीति करते हैं। वे राजनीति के बीना नहीं जी सकते। राजनीति उनके लिए सबसे बड़ा टॉनिक है और वे इसे इन्जॉय करते हैं। पवार साहब ने कहा था कि वे चुनाव नहीं लड़ेगे, इसका मतलब है कि वो लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसका मतबल ये नहीं कि वे राजनीति छोड़ देंगे। सिर्फ अजित पवार चाहते थे कि वे रिटायर हो जाए। उधर, अजित पवार को महाविकास अघाड़ी में शामिल करने और शरद गुट के साथ मिलाने को लेकर सुप्रिया ने कहा- अजित के साथ सुलह का सवाल ही पैदा नहीं होता। विधानसभा चुनाव के बाद भी हम उनके साथ हाथ नहीं मिलाएंगे। सुप्रिया बोलीं- जो हमारे साथ हुआ, वह किसी के साथ न हो शरद पवार ने कहा था- कहीं तो रुकना पड़ेगा
84 साल के शरद पवार ने बारामती में 5 नवंबर को कहा, ‘कहीं तो रुकना ही पड़ेगा। मुझे अब चुनाव नहीं लड़ना है। अब नए लोगों को आगे आना चाहिए। मैंने अभी तक 14 बार चुनाव लड़ा है। अब मुझे सत्ता नहीं चाहिए। मैं समाज के लिए काम करना चाहता हूं। विचार करूंगा कि राज्यसभा जाना है या नहीं।’ महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर… लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 सीटों पर सिमटी
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।। इनमें भाजपा को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली थी। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव से NDA को 41 जबकि 2014 में 42 सीटें मिली थीं। लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा को नुकसान का अनुमान
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी अगर लोकसभा चुनाव जैसा ट्रेंड रहा तो भाजपा को नुकसान होगा। भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमटकर रह जाएगी। वहीं, विपक्षी गठबंधन के सर्वे में MVA को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है। विधानसभा चुनाव- 2019 …………………………….. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… 5 साल में 3 सरकारों का रिपोर्ट कार्ड; 3 बड़े प्रोजेक्ट गंवाए, 7.83 लाख करोड़ रुपए का कर्ज 5 साल, 3 मुख्यमंत्री और 3 अलग-अलग सरकारें। महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद 5 साल सियासी उठापठक चलती रही। अब फिर से विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। चुनाव से पहले दैनिक भास्कर की टीम महाराष्ट्र पहुंची और पिछले 5 साल का लेखा-जोखा जाना। इसमें तीन बातें समझ आईं, पूरी खबर पढ़े… फडणवीस बोले- भाजपा महाराष्ट्र में अकेले नहीं जीत सकती, लोकसभा चुनाव के समय राज्य में वोट जिहाद हुआ था महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 27 अक्टूबर को कहा कि जमीनी हकीकत को लेकर व्यावहारिक होना पड़ेगा। भाजपा अकेले महाराष्ट्र चुनाव नहीं जीत सकती, लेकिन यह भी सच है कि हमारे पास सबसे ज्यादा सीटें और सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत है। चुनाव के बाद भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनेगी। पूरी खबर पढ़े…
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