लोक गायिका शारदा सिन्हा का अंतिम सफर शुरू हो चुका है। पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास से उनका पार्थिव शरीर निकल गया है। यहां से अंतिम यात्रा गुलबी घाट तक होगी। बेटे अंशुमान ने मां की अर्थी को कंधा दिया। उनके साथ-साथ बीजेपी के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव और विधायक संजीव चौरसिया ने भी कंधा दिया। बड़ी संख्या में शारदा सिन्हा के प्रशंसक भी शामिल हुए हैं। उनके अतिम सफर में उनका गाया आखिरी छठ गीत दुखवा मिटाई छठी मईया बज रहा है। ये गाना शारदा सिन्हा ने दिल्ली एम्स से ही रिलीज किया था। बिहार कोकिला के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा के निधन को लेकर पूर्व सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि उनके जाने से संगीत की दुनिया में एक खालीपन आ गया है। उन्होंने छठ महापर्व को एक पहचान दी थी। घाट पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे समेत अन्य नेता शामिल हो सकते हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुरुवार शाम शारदा सिन्हा के राजेन्द्र नगर स्थित घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। शारदा सिन्हा को छठ गीत से पहचान मिली। उनके गानों के बिना छठ महापर्व अधूरा माना जाता है। छठी माई की महिमा गाने वाली शारदा सिन्हा का पर्व के पहले दिन (मंगलवार को) दिल्ली एम्स में निधन हुआ। आज संध्या अर्घ्य वाले दिन वो पंचतत्व में विलीन हो जाएंगी। 45 दिन पहले इसी घाट पर पति का हुआ था अंतिम संस्कार शारदा सिन्हा के पति का निधन 45 दिन पहले यानी 22 सितंबर को हुआ था। उनका अंतिम संस्कार पटना के गुलबी घाट पर ही किया गया था। शारदा सिन्हा की इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार भी इसी घाट पर हो। छठ के पहले दिन 5 अक्टूबर को देर रात दिल्ली AIIMS में शारदा सिन्हा का निधन हो गया था। वे 72 साल की थीं। फ्लाइट से उनका पार्थिव शरीर पटना लाया गया। शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर पटना के राजेन्द्र नगर स्थित आवास पर लाया गया था। जहां सीएम नीतीश कुमार ने घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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